रोडवेज में 250 पुरानी खटारा बसों की नीलामी का मामला अधर में लटका

माय सिटी रिपोर्टर देहरादून कोरोना वायरस के चलते केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से लागू लॉकडाउन ने जहां लोगों की मुसीबतें खड़ी कर दी है इधर तमाम सरकारी विभागों के अधिकारियों के सामने भी भारी मुसीबत खड़ी हो गई हैं । लाकेडाउन के चलते परिवहन निगम प्रबंधन 250 बसों पुरानी खटारा बसों की नीलामी का मामला अधर में लटक गया है। रोडवेज कर्मचारी यूनियनों का मानना है कि यदि अधिकारी समय रहते पुरानी बसों की नीलामी कर लेते तो परिवहन निगम की वित्तीय स्थिति कुछ हद तक ठीक किया जा सकता था। बता दें कि परिवहन निगम के बेड़े में 350 से ऐसी अधिक बसें हैं जो ना सिर्फ पुरानी हो चुकी है वरन खटारा हो चुकी हैं । लेकिन बसों की कमी के चलते इनका संचालन किया जा रहा था । लेकिन अब जबकि अशोक लेलैंड व टाटा कंपनी की ओर से नई बसों की 300 नई बसों की आपूर्ति कर दी गई है तो परिवहन निगम प्रबंधन इन सभी पुरानी बसों को बेड़े से बाहर करना चाहता है । जिसकी नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई । इतना ही नहीं परिवहन अधिकारियों ने ऐसी 80 बसों की नीलामी भी कर दी। लेकिन इससे पहले कि वफा की बसों की नीलामी कर पाते लॉक डाउन लागू कर दिया गया और मामला अधर में लटक गया। दूसरी ओर कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि यदि अधिकारी समय रहते बसों की नीलामी कर लेते तो वर्तमान में परिवहन निगम की माली हालत को थोड़ा बहुत ठीक किया जा सकता था । इस संबंध में जब परिवहन निगम महाप्रबंधक दीपक जैन से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि बसों की नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी लेकिन लॉक डाउन के चलते मामला अधर में लटक गया । लॉक डाउन समाप्त होने के बाद बसों की नीलामी की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू कर दी जाएगी ।